Friday 22 February 2013

Murli Hindi - 23.02.13


 23-02-2013               प्राप्त मुरली                   ओम शांति                    " बापदादा "                       मधुबन 

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - इस समय सभी के सुख सम्पत्ति का देवाला रावण पांच विकारों ने निकाला है, तुम अभी रावण रूपी दुश्मन पर जीत पाकर जगतजीत बनते हो''
प्रश्न:- ड्रामा के किस राज़ को जानने के कारण तुम बच्चों के ख्यालात बड़े ऊंचे रहते हैं?
उत्तर:- तुम जानते हो ड्रामा अनुसार आटोमेटिक प्रभाव निकलता जायेगा। फिर भक्तों की भीड़ लगेगी उस समय सर्विस नहीं हो सकेगी। 2. जो बाबा के बच्चे दूसरे धर्मों में कनवर्ट हो गये हैं वो निकल आयेंगे इसलिए तुम्हारे ख्यालात बहुत ऊंचे रहते कि कहाँ से कोई निकले जो बच्चा बन बेहद बाप से अपना वर्सा ले। तुम्हें यह ख्याल नहीं रहता कि कोई निकले जो पैसा दे। लेकिन शिवबाबा पढ़ाते हैं यह निश्चय बैठे और बाबा से वर्सा लेने के लिए भागे।
गीत:- ले लो दुआयें माँ बाप की...
धारणा के लिए मुख्य सार:-

1) कर्मेन्द्रियों से कोई भी विकर्म नहीं करना है। ज्ञान और योगबल से मन के तूफानों पर विजय प्राप्त करनी है।

2) सेवा ऐसी करनी है जिससे मात-पिता का नाम बाला हो। सबकी दुआयें मिलती रहें।
वरदान:- समस्याओं रूपी पहाड़ को उड़ती कला द्वारा सेकण्ड में पार करने वाले सहज पुरुषार्थी भव
हिमालय पर्वत जितनी बड़ी समस्या को भी पार करने के लिए उड़ती कला की विधि को अपनाओ। सदा अपने सामने सर्व प्राप्तियों को इमर्ज रखो, और उड़ती कला में उड़ते रहो तो समस्या रूपी पहाड़ को सेकण्ड में पार कर लेंगे। सिर्फ वर्तमान और भविष्य प्रालब्ध के अनुभवी बनो। जैसे स्थूल नेत्रों द्वारा स्थूल वस्तु स्पष्ट दिखाई देती है ऐसे बुद्धि के अनुभव के नेत्र द्वारा प्रालब्ध स्पष्ट दिखाई दे, हर कदम में पदमों की कमाई जमा करते रहो।
स्लोगन:- जो सबका आदर करते हैं वही आदर्श मूर्त बनते हैं।

MP3 AUDIO MURLI - 23.02.13
VIDEO MURLI - 23.02.13
 

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