Monday 25 February 2013

Murli Hindi-26.02.13


मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - तुम्हें क्षीरखण्ड होकर रहना है, मतभेद में नहीं आना है, कोई भी गन्दी आदत है तो उसे छोड़ देना है, किसी को भी दु: नहीं देना है''
प्रश्न:- जन्म-जन्मान्तर के लिए ऊंच पद पाने के लिए कौन सा रहम स्वयं पर जरूर करना है?
उत्तर:- स्वयं की अन्दर से जांच करके जो भी बुरी आदतें हैं, क्रोध आदि विकार हैं उन्हें निकाल देना, क्षीरखण्ड होकर रहना, एक की श्रीमत पर चलना, मतभेद में आना, कोई भी ईविल बातें सुनना, सुनाना - यही अपने ऊपर रहम करना है। इससे ही जन्म-जन्मान्तर के लिए ऊंच पद मिल जाता है। जो अपने ऊपर रहम नहीं करते वह 21 जन्मों के सुख को लकीर लगा देते हैं।
गीत:- ओम् नमो शिवाए......
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1)
ज्ञान और योग सीख, भगत से ज्ञानी तू आत्मा बनना है। गृहस्थ व्यवहार में रहते माया को जीतना है। पवित्र जरूर बनना है।
2)
ज्ञान मार्ग में बहुत अच्छे मैनर्स धारण करने हैं। बहुत-बहुत मीठा, निरंहकारी बनना है। ईविल बातें नहीं बोलनी हैं। मतभेद में नहीं आना है।
वरदान:- अपने बचे हुए तन-मन-धन को ईश्वरीय कार्य में लगाकर जमा करने वाले सदा सहयोगी भव
यादगार में जो गोवर्धन पर्वत को उठाने में हर एक की अंगुली दिखाई है - यह आपके सहयोग की निशानी है। चित्र में बाप का साथ भी दिखाते हैं तो सेवा भी दिखाते हैं। अभी आप बच्चे बापदादा के सहयोगी बने हो तब यादगार बना है। भक्ति में तो तन-मन-धन जो कुछ लगाया उसमें 99 परसेन्ट गंवा दिया। बाकी जो 1 परसेन्ट बचा है उसे अब सच्ची दिल से ईश्वरीय कार्य में लगाओ तो फिर से पदमगुणा जमा हो जायेगा।
स्लोगन:- जो निर्मान बनते हैं उन्हें स्वत: सर्व का मान प्राप्त होता है।
 
Song:  Om namah Shivay ओम् नमो शिवाए..... Salutations to Shiva….

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